//व्यंग्य-प्रमोद ताम्बट//
अब पता चला कि पाकिस्तान में कम से कम अरबन-रूरल डेवलपमेंट के क्षेत्र में तो समाजवाद है। कोई भी अल्ला का बंदा दुनिया के किसी भी कोने से बिना पासपोर्ट-वीज़ा के आए अपनी पसन्द का ज़मीन का हरा-भरा टुकड़ा पसंद करें और आलीशान कोठी बनाकर रहने लगे, सरकारी-गैर सरकारी स्तर पर किसी को कोई एतराज नहीं। कोई पूछताछ नहीं, कोई रजिस्ट्री नहीं, कोई प्रापर्टी टैक्स नहीं। कौन हो, क्या हो, कहाँ से आए हो, कब तक रहोगें, कभी वापस जाओगे भी या जिन्दगी भर के लिए यहीं खूँटा गाड़कर बैठे रहोगे, कोई पूछने नहीं आएगा। वाह, क्या गज़ब का समाजवाद है।
कोई पुलिस वाला आपके घर में ताकाझांकी कर फालतू डिस्टर्ब नहीं करेगा। ठेठ मिलट्री एरिया में रहने के बावजूद कोई मिलट्री वाला आपको परेशान नहीं करेगा कि-‘‘क्यों रे सिविलियन यह तेरे बाप की जगह है जो मय कुनबे के यहाँ आकर जम गया है!’’ कोई जनगणना वाला कभी आकर गणना के नाम पर उल्टे-सीधे सवाल नहीं करेगा, भले ही संख्या के मान से आपके घर में दस-पन्द्रह दर्जन लोग हों। न इलेक्शन कमीशन वाले कभी वोटर बनाने की कवायद में आपके बाप-दादों की कब्र खोदेंगे न राजनैतिक पार्टियों के एजेंट आपसे पहचान बढ़ाने के चक्कर में कभी आपके घर में घुसकर नारे-बाज़ी करेंगे।
कोई यह देखने तक नहीं आएगा कि तुम ऊँची-ऊँची चाहर दिवारी के पीछे बच्चे पैदा करने में लगे हो या भोले-भाले बच्चों को बिगाड़ने का स्कूल चला रहे हो। आप बस एक लम्बी सी दाढ़ी रखकर अल्लाह का नेक बंदा बने आराम से गुज़र-बसर करो, भले ही भीतर ही भीतर दुनिया को तबाह करने की मंशा लिए, गाँव-देहात के अनपढ-बेरोजगार सीधे-साधे बंदो को धार्मिक कट्टरता की धांय-धांय चलने वाली खतरनाक तोप बनाओ या मानव बम बनाकर मानवता पर कहर बरपाने की स्कीमें बनाते रहो। कुछ भी करो, पाकिस्तान में आपको कोई कुछ नहीं कहेगा।
दुनिया का पहला ऐसा देश है पाकिस्तान जहाँ आप आलीशान घर बनाएँ, मगर न बिजली-पानी का कनेक्शन लें, न टेलीफोन इन्टरनेट की सेवाएँ प्राप्त करें, न सब्जी-भाजी किराना लेने के लिए घर से निकलें, मगर अल्ला के करम से आपको कोई दिक्कत नहीं होगी। आप आराम से महज़ हवा-पानी पर सालों-साल पाकिस्तान में रह सकते हैं। न आपको गाड़ी-घोड़ों की ज़रूरत पड़ेगी न डीजल-पेट्रोल की। न कभी आपके घर में किसी की तबियत खराब होगी, न किसी वैद-हकीम-डॉक्टर की आपको ज़रूरत पड़ेगी। आज के इस तेज़ रफ्तार ज़माने में इस सबसे मुक्त रह कर जीना, अब पता चला पाकिस्तान में ही संभव है।
ऐसी बढ़िया जगह पर कौन अपना घर बनाकर रहना नहीं चाहेगा जहाँ आपको दीन-दुनिया का कोई टेन्शन न हो, कोई खलल न हो। है कोई पाकिस्तानी सूत्रों से गहरे सम्पर्कों वाला सक्षम दलाल! हमको भी कोई फ्री-फंड में उधर इस्लामाबाद के आसपास सुकून वाली ज़गह पर एक छोटा सा प्लाट दिलवा दो तो हम भी वहाँ दुनिया से दूर बैठकर मजे करें। छोटी-छोटी सफेद दाढ़ी है ही अपनी उसे छः-आठ महीनों में अच्छी लम्बी कर लेंगे, और क्या चाहिये।
प्लाट खऱीदने के पहले एक खुदा का बंदा पाकिस्तान में ये सब करने को तलाशना पड़ेगा।
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा प्रमोद भाई , मजा आ गया ...कित्तों को सुलगा मारा आपने । बढिया है
जवाब देंहटाएंविश्व बंधुत्व की परिकल्पना, कोई भी आकर रह लेता है, कोई भी आकर हमला कर जाता है।
जवाब देंहटाएंइतना झंझट क्यों पाल रहे हैं. भारत में ही दो चार को टप काइए , इलेक्शन लड़िये . संसद हो जाइये . मजाल की कोई आपको टेढ़ी नज़र से देख ले..
जवाब देंहटाएंइतना झंझट क्यों पाल रहे हैं. भारत में ही दो चार को टप काइए , इलेक्शन लड़िये . संसद हो जाइये . मजाल की कोई आपको टेढ़ी नज़र से देख ले..
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया व्यंग्य .... !!
जवाब देंहटाएंबहुत सही व्यंग्य किया है सर :)
जवाब देंहटाएंसादर
Mil jaye ti bataiyega.
जवाब देंहटाएं............
ब्लॉग समीक्षा की 13वीं कड़ी।
भारत का गौरवशाली अंतरिक्ष कार्यक्रम!
सत्य वचन दादाभाई...
जवाब देंहटाएंक्या बात है। बहुत सुंदर। लेकिन आपकी पोस्ट पढने के बाद कहीं ऐसा ना हो कि डीडीए यहीं लाटरी निकाल दे।हाहाहहाहाह
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया व्यंग्य .... !
जवाब देंहटाएंbahut achchha vyang hai. badhaee sweekaren
जवाब देंहटाएंअभी तक येही सोचते थे की हिंदुस्तान महान है, अब मालूम हुआ की पाकिस्तान तो हम से भी महान है............बहुत बढ़िया जी.
जवाब देंहटाएंजोली अंकल
हा हा!!! कितनी पाक जगह होगी वो पाकिस्तान में...:)
जवाब देंहटाएंhahah umda ....bada gahan vishleshan hai pakistan ke samajvadi samaj ka....
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