शुक्रवार, 27 मई 2011

महिलाएँ कनिमोझी से घोटालों की ट्रेनिंग लें


//व्यंग्य-प्रमोद ताम्बट//
          देश की महिलाओं पर किस कदर दमन, उत्पीड़न और अत्याचार हो रहा है कनिमोझीप्रकरण से यह पर्दाफाश हो गया है। पुरुष प्रधान समाज में एक साहसी और कर्मठ महिला को दुर्दान्त चोर-उचक्की महिलाओं के बीच, तिहाड़ जेल के फर्श पर, चुभने वाले कंबलों पर सोने के लिए मजबूर किया जा रहा है, यह सरासर अन्याय है।
          जिस देश में महिलाएँ आमतौर पर पतियों के किये भ्रष्टाचार के पैसों पर गुलछर्रे उड़ाने के लिए मजबूर हैं, उस देश में कनिमोझीजैसी विदूषी महिला ने अकेले अपने बूते पर करोड़ों रुपयों के वारे-न्यारे कर भारतीय नारी का सर गर्व से ऊँचा कर दिया है, मगर उसी वीरांगनाको हमारे अंधे, गूँगे, बहरे कानून ने बेदर्दी से मच्छरों-खटमलों के भक्षण के लिए काल-कोठरी में ला पटका, स्त्री जाति के लिए यह कितने दुख और अपमान की बात है।
          एक विशुद्ध बुद्धिजीवी महिला, कवियत्री, कहानीकार, सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ती महिला सशक्तिकरण की प्रबल पैरोकार और सबसे बड़ी बात तमिलों के परम पूजनीय, प्रातः स्मरणीय महाराजाधिराज करुणानिधि की प्रतिभाशाली संतान, आकर्षक, सुन्दर, सौम्य मुखमण्डल की मलिका अगर सफलतापूर्वक चार पैसे खाने का पराक्रम करती है तो तुमुल ध्वनि के साथ उसका सत्कार, सम्मान किया जाना चाहिये या उसे जेल की चक्की पीसने के लिये मजबूर किया जाना चाहिये ? आखिर कितनी भारतीय महिलाएँ भ्रष्ट पुरुषों के एकछत्र साम्राज्य में इस तरह सेंध लगाकर माल बना पाती हैं ? देश की बाकी महिलाओं को तो कनीमोझीके चरण धोकर पीना चाहिये।
          हमारे देश की अधिकांश महिलाएँ पति के पर्स से दस-दस, बीस-बीस रुपये उड़ाकर या सब्जी-भाजी, किराने के हिसाब में चुंगी कर अपनी आर्थिक समृद्धी का सृजन करती हैं, परन्तु कनिमोझीबहन ने देश की इन दबी-कुचली आर्थिक रूप से परतंत्र महिलाओं के सामने लाज-शरम की बेड़ियाँ तोड़कर समृद्धी का अथाह समुद्र हासिल करने का मार्ग प्रशस्त किया है। आखिर कब तक वे दस-दस, बीस-बीस रुपयों के लिए पतियों की जेब तराशती फिरेंगी! मौका ढूँढकर एक बार कनीमोझी की तरह राष्ट्र की जेब तराश दें तो सारी परेशानियों का अंत हो जाए। सभी माता-बहनों को चाहिये कि वे कनिमोझीसे ऐसे बडे़-बड़े घोटालों की सघन ट्रेनिंग लें और भ्रष्टाचार पर से पुरुषों का एकाधिकार समाप्त करें।

7 टिप्‍पणियां:

  1. आगे हैं, क्या राजा ही आगे रहेंगे।

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  2. देश की बाकी महिलाओं को तो ‘कनीमोझी’ के चरण धोकर पीना चाहिये।...

    पर, पुरुषों को क्यों नहीं?

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  3. @ Ravi Ratlami, Zakir Ali

    भ्रष्टाचार में पुरुषों के एकाधिकार को तोड़ने के लिए ही तो कनीमोझी ने अवतार लिया है......

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  4. हर क्षेत्र में महिलाए आगे है फिर इसमे क्यों कम ! महिलाओं को कनिमोझी से ट्रेनिंग लेनी चाहिए !

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  5. सुन्दर व्यंग्य .कनिमोझी के प्रकरण में महिला मंडल को गोरवान्वित करने की भूमिका के पक्ष को अनदेखा किया जा रहा था. इतने सुन्दर व्यंग्य के लिया बधाई

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