//व्यंग्य-प्रमोद ताम्बट//
जैसे दाने-दाने पर खाने वाले का नाम लिखा होता है उसी तरह शू फैक्ट्री में किसी जूते के आकार लेते न लेते उस पर उसे खाने वाले का नाम लिख जाता है। पुराने ज़माने में जूतों पर ज़्यादातर गरीब-मज़लूमों, छोटी जातियों, राजनैतिक विरोधियों, जेबकटों, चोर-उचक्कों, लड़की छेडने वाले शोहदों और घरेलू औरतों का ही नाम लिखा होता था मगर कालान्तर में इन पर बड़े-बड़े नामी-गिरामी नेताओं, राष्ट्राध्यक्षों का नाम लिखा जाने लगा।
जूतों पर यह नामांकरण राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं से परे सार्वभौमिक स्तर पर होता है। अर्थात, लंदन में बने जूते के ऊपर ज़रूरी नहीं कि ब्रिटिश जूते खाउओं का ही नाम लिखा हो, चीनी, पाकिस्तानी या दीगर किसी भी मुल्क के जूता खाने योग्य विशिष्ट-जन का नाम लिखा हो सकता है, और खाड़ी देशों में अथवा एशिया भर में कहीं भी बने जूते पर किसी भी ब्रिटिश, अमरीकी जूता खाऊ का नाम लिखा होना पाया जा सकता है। भूमंडलीकरण के दौर का तकाज़ा है कि दुनिया में कहीं भी बना जूता किसी भी देश के नागरिक से किसी भी देश का ‘नरपुंगव’ खा सकता है। यानी, जूता किसी मुल्क का, जूता खाने वाला किसी मुल्क का, जूता मारने वाला किसी और मुल्क का व जूता-चालन की घटना किसी और ही मुल्क में होना देखा गया है। काल आने पर ये सभी कारक नाना दिशाओं से एक जगह इकट्ठा होकर जूतम-पैजार की एक महान क्रांतिकारी घटना को जन्म देते हैं।
बगदाद में बुश को जो जूता घला वह मेड इन ईराक नहीं था मगर उस पर नाम लिखा होने की वजह से बुश उसे खाने के लिए बगदाद जा पहुँचे। चीन के प्रधानमंत्री जियाबो को लंदन में जूता पड़ा और मारा एक जर्मन छात्र ने, हो सकता है जूता चायनीज़ हो याकि जर्मन या ब्रिटिश भी हो सकता है। ऐसे ही मुशर्रफ को भी लंदन में अपना नाम लिखा जूता खाने पहुँचना पड़ा।
दो भारतीय गृहमंत्रियों को जूतों का आक्रमण झेलना पड़ा, जूते कहाँ के बने थे पता नहीं, हो सकता है इंपोर्टेड हों। अभी हाल ही में कांग्रेस प्रवक्ता को भी अपना नाम लिखे जूते के दर्शन हो ही गए। सही है जूते-जूते पर लिखा है खाने वाले का नाम।
एक जोरदार लेख, खा जूते फ़ैमस हो जा,
जवाब देंहटाएंजूते-जूते पर लिखा है खाने वाले का नाम...बेहतरीन महाराज!!!!
जवाब देंहटाएंहा हा हा सही बात कही है सर!
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आपका स्वागत है "नयी पुरानी हलचल" पर...यहाँ आपके ब्लॉग की किसी पोस्ट की कल होगी हलचल...
नयी-पुरानी हलचल
धन्यवाद!
सत्यवचन, खबर है कि पिग्विजय सिंह का भी नाम कुछ जूतों पर लिखा जा रहा है।
जवाब देंहटाएंजुटा भी भाग्य शाली होगा जिसके सपने पुरे हुए होंगे !
जवाब देंहटाएंइतिहास का नया अस्त्र।
जवाब देंहटाएं:) :) बढ़िया व्यंग
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही बात लिखी है.
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